दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय "दशहरा"
जय श्री माताजी
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समय के साथ चलना जरूरी नही है।
सत्य के साथ चलना भी जरूरी है ।
एक दिन समय आपके साथ चलेगा।
जो मन से श्री माताजी को ध्याते है।
दशहरा एक उम्मीद जगाता है मन मे।
बुराई के अंत की याद दिलाता मन मे।
जो चलता है सत्य की राह पर मन से ।
बो विजय का प्रतीक बन जाता है ।
फूल खिले खुशी आपके कदम चूमे ।कभी न दुखों का सामना करना पड़े।
धन ही धन आए आपके अंगना मे।
यही है "सरिता"करती सबके लिए ।
सभी सहजी भाई बहन मां पिता को।
सभी को दशहरे की हार्दिक बधाई।
सुनीता गुप्ता "सरिता"कानपुर
Khan
06-Oct-2022 11:26 PM
Bahut khoob 🙏
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Oct-2022 07:22 AM
बहुत ही सुंदर और प्रेरित करती हुई अभिव्यक्ति,,,
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आँचल सोनी 'हिया'
05-Oct-2022 07:57 PM
Bahut khoob likha hai 💐🙏🌺
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